भगत सिंह
भगत सिंह
माँ भारती का वो लाल।
खेलने कुद्ने की उम्र मै
दिल मैं जलाई आजादी की मशाल।।
नाम भगत सिंह लाल वो माँ का।
बगावत कर बैठा गोरे बंदरो से।।
बेड़ी जकड़ी रहे गुलामी की था उसको मंजूर नही था।
बिगुल आजादी का बजाया सोये अपनों को जगाया ।।
चैन से सोने का वक्त नही।
अब तो चैन की बंसी अंग्रेजो को भगा कर ही बजानी ।।
उसने थी ढानी।
खिलाफ कोई बोले गौरो को नागवार गुजरा ।।
फांसी के फंदे लाल भारती के भगत को चढ़ाया ।
नमन नमन वीर शहीद भगत सिंह को नमन।
जब तक सूरज चाँद रहेगा
तेरी शाहदत माँ भारती संग जन जन याद करेंगे
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
वर्षा उपाध्याय
खंडवा एम. पी.
आँचल सोनी 'हिया'
18-Apr-2023 12:17 AM
Bahut khoob
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Sachin dev
25-Mar-2023 06:41 PM
Nice
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Abhinav ji
24-Mar-2023 07:56 AM
Very nice 👌
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