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भगत सिंह

भगत सिंह

माँ भारती का वो लाल। 
खेलने कुद्ने की उम्र मै
दिल मैं जलाई आजादी की मशाल।। 
नाम भगत सिंह लाल वो माँ का। 
बगावत कर बैठा गोरे बंदरो से।। 
बेड़ी जकड़ी रहे गुलामी की था उसको मंजूर नही था। 
बिगुल आजादी का बजाया सोये अपनों को जगाया  ।। 
चैन से सोने का वक्त नही। 
अब तो चैन की बंसी अंग्रेजो को भगा कर ही बजानी ।। 
उसने थी ढानी। 
खिलाफ कोई बोले गौरो को नागवार गुजरा ।। 
फांसी के फंदे लाल भारती के भगत को चढ़ाया । 
नमन नमन वीर शहीद भगत सिंह को नमन। 
जब तक सूरज चाँद रहेगा 
तेरी शाहदत माँ भारती संग जन जन याद करेंगे 

🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏


वर्षा उपाध्याय
खंडवा एम. पी.

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3 Comments

Sachin dev

25-Mar-2023 06:41 PM

Nice

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Abhinav ji

24-Mar-2023 07:56 AM

Very nice 👌

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